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देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टक्कर देंगी

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जीत का दावा करते हुए उन्होंने कहा, किन्नरों के लिए समान अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए वह मैदान में उतरी है

किन्नर समाज के साथ ही हर तबके का मिलेगा सपोर्ट

सीट पर अंतिम चरण यानी 1 जून को मतदान होना है

डॉ.इम्तियाज़ अहमद ब्यूरो चीफ़

वाराणसी (उत्तर शक्ति)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय सीट से शुक्रवार को देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने हर हर महादेव के बीच त्रिशूल लहराते हुए चुनावी शंखनाथ किया। इसके बाद उन्होंने बाबा विश्वनाथ धाम में मत्था टेका और जीत का आर्शीवाद लिया। अखिल भारत हिंदू महासभा ने सखी को वाराणसी संसदीय सीट से टिकट दिया है। पांच भाषाओं में भागवत कथा सुनाने वाली हिमांगी किन्नरों के लिए समान अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतरी हैं

देश में होने वाले लोकसभा चुनाव में सबसे अंतिम सातवें चरण 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदान होना है. अंतिम दौर में होने वाले चुनाव के बावजूद भी अभी से वाराणसी संसदीय क्षेत्र को लेकर चुनावी हलचल और लोगों की दिलचस्पी बढ़ती चली जा रही है. ऐसा एक बार फिर इसलिए देखने को मिला, क्योंकि नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरने की घोषणा किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी कर चुकी हैं.

भारत सेवा आश्रम संघ, सिगरा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने चुनाव लड़ेंगी। हिमांगी सखी ने बताया कि वो चाहती हैं कि लोकसभा और विधानसभा में किन्नरों के लिए सीटें आरक्षित हो और किन्नर समाज भी अपनी बात रख सकें. वह बाबा विश्वनाथ की भक्त हैं. इसलिए उन्होंने अर्धनारिश्वर रुप में विराजमान बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन कर उनसे जीत का आर्शीवाद लिया। उन्होंने बताया कि उनके संगठन ने राम जन्मभूमि आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है और मुख्य पक्षकार भी रही है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हिंदू महासभा को नकार दिया और ट्रस्ट में शामिल करना तो दूर निमंत्रण भी नहीं दिया।

उन्होंने बताया कि हिंदू जनमानस को जागृत करना ही उनके संगठन का मकसद है, जबकि यह सरकार हिंदू और सनातन के नाम पर लोगों का वोट लेती है. वाराणसी से अखिल भारत हिंदू महासभा की घोषित उम्मीदवार हिमांगी सखी ने बताया कि वह पहली बार किन्नर समाज के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं. हालांकि वह पहले कभी चुनाव नहीं लड़ी है. वे चाहती हैं कि लोकसभा और विधानसभा में किन्नरों के लिए सीटें आरक्षित हो और किन्नर समाज भी अपनी बात रख सकें. आज भी किन्नर समाज भीख मांगकर या तो फिर वेश्यावृत्ति से जुड़कर अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए मजबूर हैं. सरकार ने किन्नर समाज को आगे बढ़ाने के लिए किसी तरह का मार्ग प्रशस्त नहीं किया है. प्रधानमंत्री का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारा अच्छा है लेकिन ‘किन्नर बचाओ-किन्नर पढ़ाओ’ की आवश्यकता नहीं समझी गई।

कौन हैं महामंडलेश्वर हिमांगी सखी?

हिमांगी सखी किन्नर महामंडलेश्वर हैं. वह 5 भाषाओं में भागवत कथा सुनाने के लिए मशहूर हैं. वह पंजाबी, गुजराती, हिंदी, अंग्रेजी और मराठी आदि भाषाओं में भागवत कथा सुनाती हैं. हिमांगी सखी भारत के अलावा बैंकाक, सिंगापुर और मॉरिशस आदि जगह पर भागवत कथा सुना चुकी हैं.वह अक्सर किन्नर समाज के लिए अपनी आवाज बुलंद करती रहती हैं. किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी की मां पंजाबी थीं और उनके पिता गुजराती थे. हिमांगी सखी का बचपन महाराष्ट्र में बिता लेकिन माता-पिता का निधन हिमांगी सखी वृंदावन पहुंचीं और वहां शास्त्रों का अध्ययन शुरू किया.

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