
वाराणसी:कुरास गेम में परचम लहराने वाली बेटियों को अखिलेश यादव ने किया सम्मानित
डॉ.इम्तियाज अहमद सिद्दीक़ी सह-सम्पादक जौनपुर, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
रियाजुल हक ब्यूरों चीफ़ जौनपुर
वाराणसी:कुरास गेम में परचम लहराने वाली बेटियों को अखिलेश यादव ने किया सम्मानित
वाराणसी के मथुरापुर गांव की बेटियों ने रायपुर में किया कमाल
डॉ.एस.के.मिश्र ज़िला संवाददाता वाराणसी
वाराणसी(उत्तरशक्ति)। जनपद में सड़क किनारे सब्जी बेचने वाली मथुरापुर (भरथरा ) निवासी सरिता पटेल की तीन बेटियों ने कमाल कर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र की रहने वाली इन बेटियों ने 68वीं राष्ट्रीय स्कूल कुरास गेम में अपना परचम फहरा दिया। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 2 से 6 जनवरी 2025 तक आयोजित गेम में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रीति पटेल गोल्ड ,प्राची पटेल सिल्वर, शशि पटेल ब्रांज मेडल हासिल किया। इस बात की जानकारी होते ही शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीनों बेटियों,उनकी मां और कोच को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय बुलाकर सम्मानित किया। पार्टी कार्यालय में आयोजित समारोह में सपा अध्यक्ष ने तीनों खिलाड़ियों ,उनकी माता सरिता पटेल और कोच अजीत पाल को अंग वस्त्रम के साथ सभी को 51- 51 हजार रुपये का चेक देकर के सम्मानित किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीनों बेटियों और उनकी माता सरिता पटेल से काफी देर तक बातचीत किया। बातचीत से पता चला कि परिवार बेहद गरीब है ।
खिलाड़ियों की मां फुटपाथ पर सब्जी की दुकान लगाती हैं खिलाड़ियों के पिता स्व. संतोष पटेल बुनकारी का काम करते थे। वह बीडीसी सदस्य भी थे। उनका सपना था कि उनकी बेटियां इस खेल में देश का नाम रोशन करें। पर असमय काल के गाल में समा गये। लेकिन बेटियों और उनकी मां ने तय किया कि हर हाल में इस सपने की साकार करना है। लिहाजा वह प्रतिदिन सुबह शाम घर से 20 किलोमीटर दूर अकेलवा के पास सजोई अखाड़े पर अभ्यास करने जाने लगी। उन्होंने बताया कि कुरास गेम मैट पर खेला जाता है लेकिन अखाड़ा बिना मैट वाला था। लेकिन पिता के सपने को साकार करने की ज़िद्द में इन बेटियों ने इसकी परवाह नहीं की और पिता के सपने को सच कर दिखाया। मुलाकात के वक्त उनके साथ कुश्ती संघ वाराणसी के संयुक्त सचिव श्री गोरख यादव, कोच श्री अजीत पाल, पूर्व प्रत्याशी शिवपुर आनंद मोहन गुड्डू, प्रदीप जायसवाल भी मौजूद थे। सरिता पटेल ने अखिलेश यादव को सरदार पटेल का चित्र भेंट किया। कुरास गेम क्या है कुरास उज़्बेकिस्तान का राष्ट्रीय खेल है ।साधारण शब्दों में इसे उज़्बेकिस्तानी कुश्ती भी कहा जाता है। शोधकर्ताओं और पुरातत्त्व विभाग उज़्बेकिस्तान के अनुसार यह खेल लगभग 3000 वर्ष पुराना है यह उज़बेकिस्तान के ज़राफ़शोन, सुरखोन और फ़रगना सहित कई क्षेत्रों में दुर्लभ खोजों, चट्टानों पर बनी तस्वीरों से साबित होता है। वर्तमान में विश्व के 70 से अधिक देशों में कुरास खेला जाता है। सन् 2018 में कुरास को एशियाई खेलों में आधिकारिक रूप से शामिल किया गया । तब से यह एशियाई खेलों में खेला जाने लगा । भारत में कुराश की शुरुआत सन् 2000 में हुई। तब से अब तक भारत में सभी आयु वर्गों का मिलाकर कुराश की 34 राष्ट्रीय व 5 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन हो चुका हैं ।
