
नन्हे मुन्ने बच्चों का उचित आहार
डॉ.इम्तियाज़ अहमद ब्यूरो चीफ़
जौनपुर(उत्तर शक्ति)
डॉ जयेश सिंह
नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ
त्रिभुवन सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल जौनपुर|
नन्हे मुन्ने बच्चों का उचित आहार
दाल का पानी व बाहरी दूध 6 माह के उम्र के बाद लिए उपयुक्त व संपूर्ण आहार नहीँ है|
बच्चे खून की कमी ,हड्डियों की कमजोरी, कमजोर इम्युनिटी, मानसिक और शारिरिक विकास में बाधा के शिकार हो जाते है!
6 माह की उम्र से उचित अन्न प्रासन कराये|
ज्यादातर देखा जाता है बच्चों के 6 माह होते ही लोग दाल का पानी देते है और बच्चे का मुख्य आहार बाहर का दूध या डिब्बे वाला दूध ही रह जाता है, बाहरी दूध और अन्य तरल उचित आहार नही हैं,इनसे बच्चों में खून की कमी और हड्डियां कमजोर हो जाती है, कई बच्चे देखने मे हेल्दी दिखते है पर उनमें खून की अत्यधिक कमी ,पेट की कई समस्याएं जैसे बार बार दस्त या निमोनिया होना,कई कई दिनों में एक बार लैट्रीन (pee) जाते है और हार्ड कड़ी लैट्रीन ,पेट दर्द की समस्या से ग्रषित रहते है,
6 माह से उचित आहार देने से इन समस्याओं से बचा जा सकता है,दाल के पानी या अन्य पानी जैसी अन्य तरल खाद्य पदार्थ में न्यूट्रिशन न के बराबर होता है,
अन्न द्वारा बने गाढ़े खाद्य पदार्थ उचित होते है,जैसे चावल के आटे की खीर, मूंग दाल चावल के आटे की खिचड़ी, ,हलवा इत्यादि आठ महीने जाते जाते दलिया ,खिचड़ी घी, दाल चावल, हलवा खीर,चीला इत्यादि खिला सकते है, एकदम पतला या अत्यधिक ठोस उपयुक्त नहीँ होता!आठ महीने जाते जाते कोशिस करे कि खाना हाथ से खिलाये,8-9 महीने में बच्चे को खाना छूने दे बीच बीच मे बच्चे की खाना लगे हाथ को उसके खुद के मुंह डाले, अगर बच्चा कुछ आहर इधर ऊधर गिरा रहा है गंदा कर रहा है तो उसे प्रोत्साहित करें,9 महीने से 12 महीने तक खुद से खाना खाने की प्राकृतिक उम्र होती है,इस समय गलत ढंग जैसे फिक्स शेड्यूल और जबरजस्ती करने से बच्चे को खाने से डर लगने लगता है, और आगे आने वाले कई सालों तक बच्चे ठीक से नही खाते
डॉ जयेश सिंह
नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ
त्रिभुवन सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल जौनपुर|