
विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ संस्कार देना भी आवश्यक: प्रो.अजय दुबे
विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ संस्कार देना भी
आवश्यक: प्रो.अजय दुबे
रियाजुल हक जौनपुर (उत्तर शक्ति)
प्रो. रामनाथ पांडेय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय,
मुंगराबादशाहपुर ,जौनपुर में शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित शैक्षिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता रोवर्स रेंजर्स जिला कमिश्नर तथा वी.ब.सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ,जौनपुर शिक्षा संकाय के डीन प्रोफेसर अजय कुमार दुबे ने कहा कि शिक्षकों को चाहिए कि विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ उनमें नैतिक गुणों के विकास, भारतीय संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा देना भी आवश्यक है। संस्कारों का उद्देश्य मनुष्य की पाशविकता को परिष्कृत करके मानवता में परिवर्तित करना है । प्राचीन काल से ही मनुष्य के जीवन में धर्म का विशेष महत्व रहा है। संस्कारों का उद्देश्य मनुष्य के व्यक्तित्व को इस प्रकार विकसित करना है कि वह विश्व में मानवता के गुणों के साथ साथ सभी प्राणियों के साथ उचित समन्वय स्थापित कर सके ।
वर्तमान परिवेश में अधिकतर शिक्षक संबंधित पाठ्यक्रम को ही पूर्ण करने में ही विश्वास कर रहे हैं लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि जहां तक संभव हो अध्यापक, विद्यार्थियों को शिक्षा ,संस्कार, संस्कृति और श्रेष्ठ आचरण के गुणों से परिचित कराते हुए अपने आचरण को इस तरह से बनाएं कि विद्यार्थी उससे प्रेरणा प्राप्त कर सकें और अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकें ।
संगोष्ठी में डॉ दीपक मणि त्रिपाठी,डॉ प्रीती त्रिपाठी ने भी अपने व्याख्यान को प्रस्तुत किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ कमलेश पांडेय ने तथा
अतिथियों का स्वागत और परिचय बी.एड. विभागाध्यक्ष डॉ ज्योति पांडेय ने तथा आभार महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ मंजूलता सिंह ने किया।